कब्ज से बढ़ सकता है हृदयघात का जोखिम

ऑस्ट्रेलिया में किए गए एक नए अध्ययन ने यह निष्कर्ष निकाला है कि कब्ज की समस्या वाले लोगों को हृदयाघात का अधिक खतरा होता है। इस अध्ययन में 60 वर्ष से अधिक उम्र के 540,000 से अधिक व्यक्तियों को शामिल किया गया, जिन्हें विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शोधकर्ताओं ने कब्ज से पीड़ित और न पीड़ित मरीजों के बीच तुलना की और पाया कि कब्ज से प्रभावित व्यक्तियों में उच्च रक्तचाप, हृदयाघात और स्ट्रोक का जोखिम अधिक होता है। कब्ज के कारण मल त्यागते समय अत्यधिक जोर लगाना पड़ता है, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जो हृदयाघात के खतरे को बढ़ा सकता है।

सांस लेने में कठिनाई: कब्ज के कारण मल त्यागते समय जोर लगाना पड़ता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है और रक्तचाप बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप से हृदय रोग, जैसे हृदयाघात या दिल का दौरा, का जोखिम बढ़ सकता है। एक जापानी अध्ययन में 45,000 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया, जिसमें यह पाया गया कि जिन लोगों का मल त्याग हर दो से तीन दिन में होता है, उनके हृदय रोग से मरने का खतरा उन लोगों की तुलना में अधिक है, जो रोजाना कम से कम एक बार मल त्याग करते हैं।

बचाव के लिए क्या करें : आहार में फाइबर की पर्याप्त मात्रा शामिल करें, शारीरिक गतिविधि को बढ़ाएं, पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन सुनिश्चित करें, और यदि आवश्यक हो, तो डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का उपयोग करें। ये सभी उपाय आंतों के कार्य को सुधारने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।”

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